हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास द्वापरयुग से जुड़ा है, जब बर्बरीक ने श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। बर्बरीक जी का शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिला) में इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है।
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हम एक मंदिर हैं जो खाटू श्याम में विश्वास करते हैं और हम एक मंदिर हैं जो खाटू श्याम में विश्वास करते हैं। यहीं से आपको अपनी धार्मिक यात्रा शुरू करनी चाहिए।
बाबा श्याम के भक्तों के लिए एक बेहद खुशी की खबर आई है। वार्षिक फाल्गुनी लक्खी मेला 2025 की तारीखें तय हो गई हैं।
भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता में खाटू श्याम जी का नाम बहुत ही आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है। खाटू श्याम जी को भगवान श्रीकृष्ण के कलियुग अवतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी कथा, उनका मंदिर और उनके चमत्कार हर भक्त के मन में...
खाटू श्याम जी की कथा भारतीय धार्मिक परंपरा में अद्वितीय है। खाटू श्याम जी, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण का कलियुग अवतार माना जाता है, उनकी कहानी त्याग, भक्ति और करुणा का प्रतीक है। आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी।