भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता में खाटू श्याम जी का नाम बहुत ही आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है। खाटू श्याम जी को भगवान श्रीकृष्ण के कलियुग अवतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी कथा, उनका मंदिर और उनके चमत्कार हर भक्त के मन में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। लेकिन एक सवाल जो अक्सर उठता है, वह यह है कि खाटू श्याम जी का असली मंदिर कौन सा है?
खाटू श्याम जी का असली नाम बार्बरीक था। वे भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे। उन्हें भगवान शिव से तीन अजेय बाणों का वरदान प्राप्त था। महाभारत के युद्ध के समय, बार्बरीक ने युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई। लेकिन उनकी शर्त यह थी कि वे केवल कमजोर पक्ष का साथ देंगे। श्रीकृष्ण ने उनकी परीक्षा ली और अंततः उन्हें अपना शीश दान करने के लिए प्रेरित किया। बार्बरीक ने बिना किसी हिचक के अपना शीश दान कर दिया।
कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने उनके बलिदान को अमर बनाने के लिए उन्हें खाटू नगरी में पूजित होने का वरदान दिया। यही कारण है कि आज खाटू श्याम जी का मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है।
खाटू श्याम जी का असली मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यह मंदिर न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और इसकी वास्तुकला अद्भुत है। मंदिर के गर्भगृह में खाटू श्याम जी की प्रतिमा स्थापित है, जो उनके शीश का प्रतीक है।
खाटू श्याम जी का मंदिर जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस है, जो खाटू से केवल 17 किलोमीटर दूर है।
खाटू श्याम जी को "श्री श्याम", "हारे का सहारा" और "कलियुग के भगवान" के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस प्रकार, खाटू श्याम जी का असली मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है। यहां आकर भक्तगण आत्मिक शांति और अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं। यदि आप भी उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो एक बार खाटू श्याम जी के दर्शन अवश्य करें।
आपकी यात्रा मंगलमय हो!